Jokes for joke: 2098
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#2098 | Dussehra (दशहरा)
एक फ्लैट में घंटी बजती है और महिला जो घर में अकेली है दरवाज़ा खोलती है …
भिक्षुक:
“माई, भिक्षा दे।”
महिला:
“ले लो, महाराज ..”
भिक्षुक:
“माई … ज़रा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।”
वह द्वार पार करके बाहर आती है।
भिक्षुक (उसे पकड़ते हुए ):
“हा .. हा … हा … मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं !”
महिला:
“हा .. हा .. हा … मैं भी सीता नहीं, कामवाली बाई हूँ।”
भिक्षुक:
“माई, भिक्षा दे।”
महिला:
“ले लो, महाराज ..”
भिक्षुक:
“माई … ज़रा यह द्वार पार करके बाहर तो आना।”
वह द्वार पार करके बाहर आती है।
भिक्षुक (उसे पकड़ते हुए ):
“हा .. हा … हा … मैं भिक्षुक नहीं, रावण हूं !”
महिला:
“हा .. हा .. हा … मैं भी सीता नहीं, कामवाली बाई हूँ।”
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