Jokes for joke: 373
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#373 | Dussehra (दशहरा)
रावण का दुःख, जो सामने खड़ी भीड़ से बारबार पूछ रहा था... 😫😫
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😡 'दुष्टों तुम्हारी बीवी उठाई थी क्या मैंने ?'😁😁
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भीड़ से आवाज़ आई, 'नही उठाई, इसीलिए तुझे जला रहे है कम्बख़्त ।
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😡 'दुष्टों तुम्हारी बीवी उठाई थी क्या मैंने ?'😁😁
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भीड़ से आवाज़ आई, 'नही उठाई, इसीलिए तुझे जला रहे है कम्बख़्त ।
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