Jokes for Topic: Diwali
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#7409 | Diwali (दिवाली)
Santa Ne Ghar Ke Uper Wale Hisse Mein Paint Kiya Aur Neeche Wale Hisse Mein Likh Diya
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“Same As Above“
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“Same As Above“
#6955 | Diwali (दिवाली)
Amitabh bachchan – Mere paas rocket hai, Shurli hai, chakri hai, Murga bumb hai, Anaar hai, Tumhare paas kya hain….? Shashi kapoor – Mere paas Maaaa Maa…chis hai
#6954 | Diwali (दिवाली)
Diwali joke Big B-Mere Pas Rocket Hai, SurSuri Hai, Chakri Hai, Murga Bumb Hai, Tumhare Pas Kya Hai? Shashi- Mere Pas MAA…chis Hai.
#6953 | Diwali (दिवाली)
Diwali Ke din EK BAR 2 JUDWAA BACHCHE EK KAMRE ME BAITHE THE! 1 HAS-HAS KE LOT-POT HO RAHA THA WAHIN DUSRA EK KONE ME UDAS BATHA THA!!!!!!!!!! PAPA-TUM ITNA HAS KYUN RAHE HO? BETA-MUMMY NE DONO BAR ISI KO NAHLA DIYA!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! HA—–HA——HA
#6952 | Diwali (दिवाली)
Diwali joke Reva to Neel: ” what is Bruce Lee’s Favorite festival?” Neel didnt know Reva: “Diwa Lee” Reva: “What does Bruce Lee have outside his home during Diwlai?” Again Neel silent Reva: “Rango Lee” Reva: “what did Bruce Lee give his sister as a gift?” Neel Confused Reva: “chaniya cho lee
#6951 | Diwali (दिवाली)
1st Sardar : Jab phatake phut te hai to pahle light dhekhai deti hai phir awaz, aisa kyon? 2nd Sardar : Kyonki hamari aankh aage hai aur kaan piche
#3266 | Diwali (दिवाली)
दिवाली पर पटाखे हुए बैन
कोर्ट – पटाखों से
प्रदूषण हो रहा है
मैं – अगर पटाखों से प्रदूषण होता है
तो आग लगा दो ऐसे पटाखों को :p
कोर्ट – पटाखों से
प्रदूषण हो रहा है
मैं – अगर पटाखों से प्रदूषण होता है
तो आग लगा दो ऐसे पटाखों को :p
#963 | Diwali (दिवाली)
पत्नी दिवाली के लिए घर की सफाई कर रही थी
पति जैसे ही सोके उठा
पत्नी – कुम्भकर्ण की तरह सोते रहते हो
यहाँ आओ जल्दी से मुर्गा बनो
पति – ये क्या बदतमीजी है
कोई अपने पति से ऐसे बात करता है क्या
पत्नी – सॉरी जानू बदतमीजी नहीं कर रही
मुझे छत के जाले हटाने हैं
मेरा हाथ ऊपर नहीं पहुँच रहा 🙂 🙂
पति जैसे ही सोके उठा
पत्नी – कुम्भकर्ण की तरह सोते रहते हो
यहाँ आओ जल्दी से मुर्गा बनो
पति – ये क्या बदतमीजी है
कोई अपने पति से ऐसे बात करता है क्या
पत्नी – सॉरी जानू बदतमीजी नहीं कर रही
मुझे छत के जाले हटाने हैं
मेरा हाथ ऊपर नहीं पहुँच रहा 🙂 🙂
#656 | Diwali (दिवाली)
भारत सरकार से हाथ जोड़ के विनती है कि बीफ बैन और मैगी बैन के बाद सोनपापड़ी को भी बैन किया जाये...
खा कोई नही रहा रिश्तेदार एक जगह से दूसरी जगह सप्लाई मारे जा रहे हैं।
खा कोई नही रहा रिश्तेदार एक जगह से दूसरी जगह सप्लाई मारे जा रहे हैं।
#317 | Diwali (दिवाली)
रावण का चमत्कार या
राम का...पावर...??'
(जरूर पढेँ.. एक हास्य रस
का सस्पेँश कथा)
.
.
श्री राम के नाम से पत्थरो
के तैरने की news जब
लंका पहुँची , तब वहाँ की
public में काफी gossip
हुआ कि भैया जिसके नाम
से ही पत्थर तैरने लगें,
वो आदमी क्या गज़ब होगा।
इस तरह की बेकार की
अफ़वाहों से परेशान रावण
ने तैश में आकरannounce
करवा दिया कि कल रावण
के नाम लिखे हुए पत्थर
भी पानी में तिराये जायेंगे।
और अगले दिन लंका में
public holiday declare
कर दिया गया।
निश्चित दिन और समय पर सारी population
रावण का चमत्कार देखने
पहुँच गयी।
Set time पर रावण अपने
भाई - बँधुओं , पत्नियों
तथा staff के साथ वहाँ
पहुँचे और एक भारी से
पत्थर पर उनका नाम
लिखा गया।
Labor लोगों ने पत्थर
उठाया और उसे समुद्र में
डाल दिया -- पत्थर सीधा
पानी के भीतर !
सारी public इस सब को
साँस रोके देख रहे थी
जबकी रावण लगातार मन
ही मन में मँत्रोच्चारण कर
रहे थे।
अचानक, पत्थर वापस
surface पर आया और
तैरने लगा। Public पागल
हो गयी , और 'लँकेश की
जय' के कानफोड़ू नारों ने
आसमान को गुँजायमान कर
दिया।
एक public celebration
के बाद रावण अपने लाव
लश्कर के साथ वापस
अपने महल चले गये और
public को भरोसा हो गया
कि ये राम तो बस ऐसे ही हैं
पत्थर तो हमारे महाराज
रावण के नाम से भी तिरते
हैं।
पर उसी रात को मँदोदरी ने
notice किया कि रावण
bed में लेटे हुए बस
ceiling को घूरे जा रहे थे।
“ क्या हुआ स्वामी ? फिर से
acidity के कारण नींद नहीं
आ रही क्या ?”
eno दराज मे पडी है ले कर
आऊँ ? -
मँदोदरी ने पूछा।
“ मँदु ! रहने दो , आज तो
इज़्ज़त बस लुटते लुटते बच
गयी।
आइन्दा से ऐसे
experiment नहीं करूंगा। '
ceiling को लगातार घूर
रहे रावण ने जवाब दिया।
मँदोदरी चौंक कर उठी और
बोली , “
ऐसा क्या हो गया स्वामी ?”
रावण ने अपने सर के नीचे
से हाथ निकाला और छाती
पर रखा , “ वो आज सुबह
याद है पत्थर तैरा था ?”
मँदोदरी ने एक curious
smile के साथ हाँ मे सर
हिलाया।
“ पत्थर जब पानी में नीचे
गया था , उसके साथ साथ
मेरी साँस भी नीचे चली
गयी थी।
' रावण ने कहा।
इसपर confused मँदोदरी
ने कहा ,
“ पर पत्थर वापस ऊपर
भी तो आ गया था ना ।
वैसे ऐसा कौन सा मँत्र
पढ़ रहे थे आप जिससे
पानी में नीचे गया पत्थर
वापस आकर तैरने लगा ?”
इस पर रावण ने एक लम्बी
साँस ली और बोले ,
“ मँत्र-वँत्र कुछ नहीं पढ़
रहा था बल्कि बार बार
बोल रहा था कि
'हे पत्थर ! तुझे राम की
कसम,
PLEASE डूबियो मत भाई !! '
.
राम नाम मेँ है दम !!
बोलो
जय श्री राम !!
जय श्री राम !!
जय श्री राम !!
जय श्री राम !!
राम का...पावर...??'
(जरूर पढेँ.. एक हास्य रस
का सस्पेँश कथा)
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श्री राम के नाम से पत्थरो
के तैरने की news जब
लंका पहुँची , तब वहाँ की
public में काफी gossip
हुआ कि भैया जिसके नाम
से ही पत्थर तैरने लगें,
वो आदमी क्या गज़ब होगा।
इस तरह की बेकार की
अफ़वाहों से परेशान रावण
ने तैश में आकरannounce
करवा दिया कि कल रावण
के नाम लिखे हुए पत्थर
भी पानी में तिराये जायेंगे।
और अगले दिन लंका में
public holiday declare
कर दिया गया।
निश्चित दिन और समय पर सारी population
रावण का चमत्कार देखने
पहुँच गयी।
Set time पर रावण अपने
भाई - बँधुओं , पत्नियों
तथा staff के साथ वहाँ
पहुँचे और एक भारी से
पत्थर पर उनका नाम
लिखा गया।
Labor लोगों ने पत्थर
उठाया और उसे समुद्र में
डाल दिया -- पत्थर सीधा
पानी के भीतर !
सारी public इस सब को
साँस रोके देख रहे थी
जबकी रावण लगातार मन
ही मन में मँत्रोच्चारण कर
रहे थे।
अचानक, पत्थर वापस
surface पर आया और
तैरने लगा। Public पागल
हो गयी , और 'लँकेश की
जय' के कानफोड़ू नारों ने
आसमान को गुँजायमान कर
दिया।
एक public celebration
के बाद रावण अपने लाव
लश्कर के साथ वापस
अपने महल चले गये और
public को भरोसा हो गया
कि ये राम तो बस ऐसे ही हैं
पत्थर तो हमारे महाराज
रावण के नाम से भी तिरते
हैं।
पर उसी रात को मँदोदरी ने
notice किया कि रावण
bed में लेटे हुए बस
ceiling को घूरे जा रहे थे।
“ क्या हुआ स्वामी ? फिर से
acidity के कारण नींद नहीं
आ रही क्या ?”
eno दराज मे पडी है ले कर
आऊँ ? -
मँदोदरी ने पूछा।
“ मँदु ! रहने दो , आज तो
इज़्ज़त बस लुटते लुटते बच
गयी।
आइन्दा से ऐसे
experiment नहीं करूंगा। '
ceiling को लगातार घूर
रहे रावण ने जवाब दिया।
मँदोदरी चौंक कर उठी और
बोली , “
ऐसा क्या हो गया स्वामी ?”
रावण ने अपने सर के नीचे
से हाथ निकाला और छाती
पर रखा , “ वो आज सुबह
याद है पत्थर तैरा था ?”
मँदोदरी ने एक curious
smile के साथ हाँ मे सर
हिलाया।
“ पत्थर जब पानी में नीचे
गया था , उसके साथ साथ
मेरी साँस भी नीचे चली
गयी थी।
' रावण ने कहा।
इसपर confused मँदोदरी
ने कहा ,
“ पर पत्थर वापस ऊपर
भी तो आ गया था ना ।
वैसे ऐसा कौन सा मँत्र
पढ़ रहे थे आप जिससे
पानी में नीचे गया पत्थर
वापस आकर तैरने लगा ?”
इस पर रावण ने एक लम्बी
साँस ली और बोले ,
“ मँत्र-वँत्र कुछ नहीं पढ़
रहा था बल्कि बार बार
बोल रहा था कि
'हे पत्थर ! तुझे राम की
कसम,
PLEASE डूबियो मत भाई !! '
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राम नाम मेँ है दम !!
बोलो
जय श्री राम !!
जय श्री राम !!
जय श्री राम !!
जय श्री राम !!
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