sno | name |
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1 | सोना रूपा ना कलसे |
2 | परमात्मा थी रंगाशे |
3 | संसार थी विरती रसनो |
4 | है धीरे धीरे नही झटपट मारे |
5 | धर्म ना नायक तमे धुरन्दर |
6 | गिरनार शोभे देखो नेमजी |
7 | दादा आदेश्वरजी |
8 | दादा देने वाले है हम लेने वाले है |
9 | जेना पावन पगला थी धरती |
10 | महावीर तेरे ही नाम से हम |
11 | रोमें रोमें हूँ तारों थतु जाव छू |
12 | लो आ गया पर्व पर्युषण |
13 | सिद्धाचल नो वासी प्यारो |
14 | मेरे दोनों हाथो मे ऐसी लकीर है |
15 | ज़ब कोई नही आता |
16 | पलकें ही पलकें हम बिछायेंगे |
17 | मारा घट मा विराजता |
18 | अजितनाथ भगवान तेरे द्वार |
19 | तू मनो भगवान एक वरदान |
20 | ऊँचा अंबर थीं आवो ने प्रभुजी |
21 | मुझे लगी प्रभु संग प्रीत |
22 | शासन ना सिरताज विरजी |
23 | सुनजो साजन संत पर्युषण |
24 | मारो मुजरो लियो ने राज |
25 | हो आव्या पर्व पर्युषण आया |
26 | अमी भरेली नजरो राखो |
27 | जय जय गरवो गिरनार |
28 | आवो आवो पार्श्व नाथ मे तो घणी |
29 | मारा रूपाला भगवान तमारो रूप |
30 | अजब धुन अर्हम नी लागी रे |
31 | ओरी सखी गीतों गावो नी |
32 | दादा तेरी तस्वीर सिराने रखकर |
33 | तू तारजे दुबाडजे जीवाड़जे के मारजे |
34 | हर जनम दादा तेरा साथ चाहिए |
35 | चालो रे चालो नेमीनाथ नी नगरीया |
36 | लागी रे लागी रे मोहे तुम से लग्न लागी |
37 | स्वर्ग से सुंदर है सबसे प्यारा है गिरनार हमारा |
38 | हो त्रिशला झूलावे मन मुस्काबे |
39 | मने वालू लागे दादा तारु नाम |
40 | रमे रोम रोम रमे रोम रोम गिरिवर तना रंगे |
41 | जेनी किकी काली है |
42 | युवा है हम शौर्यवंत है जिनशासन की शान है |
43 | दोष थीं हरयो भरियो छू छता |
44 | शिप्रा किनारे मारा प्रभुजी विराजे |
45 | हेलो मारो साम्भलो ने सिद्दाचल ना राया |
46 | माता त्रिशला झूलावे पुत्र पारने रे |
47 | मारी नगरी मैं आव्यो रुड़ो अवसर आज मारे |
48 | मनवा अणगार करवा भवपार |
49 | शामलीया ऐसी लगन लागी |
50 | सिद्धगिरी ने भेटवा नो भाव जगियो रे |
51 | संयम के देखो इस पथ पर सुंदर तपस्वीयो की साधना |
52 | लगनी लागी छै अगनी जगी छै |
53 | तू प्रभु मारो हूँ प्रभु तारों |
54 | के किरतार मने आधार तारों |
55 | नाम है तेरा तारण हारा |
56 | रंग मा रंगमा रंगमा रे प्रभु तारा |
57 | जगमगता तारला नु देरासर होजो |
58 | कोई पालिताना जईनें केहजो रे तलड़ू |
59 | आज वगडावो वगडावो रुड़ा |
60 | पंखीड़ा ओ पंखीड़ा |
Jain Songs 13 | listicle
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