sno | name |
---|---|
1 | आंखों में बस रहे हो दिल में समा रहे हो |
2 | कौन कहता है भगवान आते नहीं |
3 | विद्यासागर जी आपके आहार लियो रे |
4 | बोलो मिलकर जय जय कार सारा गूंज उठे संसार |
5 | श्री सिद्धचक्र का पाठ करो दिन रात |
6 | अमृत से गगरी भरो |
7 | जिनी जिनी उड़े रे गुलाल |
8 | आई प्रभु के द्वार पूजन करने आए |
9 | भावना की चुनरी ओढ़ के |
10 | मुनिवर आज मेरी कुटिया में आए हैं |
11 | भव्य जनों का तारणहारा समवशरण |
12 | ओंकार वाणी तेरी जैन धर्म की शान है |
13 | तुम भी करो हम भी करें गुरुवर की आरती |
14 | तुम बाहुबली जिंदा तो माता देवी सुनंदा |
15 | तेरी भक्ति का मैं तो हुआ दीवाना |
16 | मीरा ने भक्ति में अपने श्याम |
17 | बुंदेली के देवता |
18 | हर जन्म में बाबा तेरा साथ चाहिए |
19 | कुंडलपुर की धूल सर लगाने आया हूं |
20 | सर पर हमेशा तेरा हाथ रहे बाबा |
21 | है पारस नाम बड़ा प्यारा |
22 | माता तू दया करके |
23 | नाम तुम्हारा तारणहारा कब तेरा |
24 | मैं महा पुण्य उदय से जैन धर्म पा गया |
25 | जिनवाणी अमृत रसाल रसिया |
26 | संदेशा आया है गुरु जी |
27 | मंदिर में बैठे चार सखियां |
28 | हीरे को परख लिया |
29 | जीवन के किसी भी पल में |
30 | विद्यासागर गंगा |
31 | मंत्रों में प्यारा है मंत्र णमोकार |
32 | एक नाम साचा |
33 | गली-गली में घूम घूम कर |
34 | कर लो आत्मज्ञान |
35 | मंदिर हमारे आ जइयो |
36 | छोटा सा मंदिर |
37 | हे प्रभु चरणों में |
38 | कर्म जैसे करोगे फल |
39 | नहीं चाहिए दिल |
40 | भला किसी का |
41 | रात प्रभु सपने में |
42 | सपने में रात |
43 | मोर बिगड़ी ला बनाई |
44 | मधुबन के मंदिरों में |
45 | रंगमा रंगमा |
46 | श्री विद्यासागर गुरुवर हमारे |
47 | होली खेले मुनिराज |
48 | जाऊं बाहुबली की |
49 | श्री बाहुबली की आरती उतारो |
50 | बाहुबली भगवान का |
51 | कलशो में लेकर नीर |
52 | भक्ति बेकरार है |
53 | तुमसे लागी लगन |
54 | महावीर डोल रहे नैनन में |
55 | ना जा हो ना जा |
56 | जूनागढ़ में सज गए |
57 | ओ सदलगा के संत |
58 | रात प्रभु सपने में |
59 | होली खेले मुनिराज |
60 | मोर बिगड़ी ला बनाई दे |
61 | मीठा मीठा बोल |
62 | थे तो जिनवाणी के |
63 | अरिहंत कि शरणा जिसको मिले |
64 | पंखिड़ा ओ पंखिड़ा |
65 | मारा पंच प्रभु भगवान |
66 | छोटे बाबा रे |
67 | देखत देखत अखियां |
68 | प्रभु पतित पावन |
69 | अति पुण्य उदय |
70 | पंच परमेष्ठी को करो नमस्कार |
71 | तूने खूब दिया भगवान |
72 | सुरपति ले अपने |
73 | अमृत से गगरी भरो |
74 | वीर जी की निकली सवारी |
75 | आज मंदिर के अंदर का |
76 | बाजे बाजे रे बधाई |
77 | साधु है जीवो के तारणहार |
78 | बार-बार में शीश झुकाऊं |
79 | अरे जग जा रे चेतन |
80 | झूम झूम छाना नाना |
81 | गुरु वंदना को तरसे नयन |
82 | तेरी कृपा की ये डोर |
83 | लिया प्रभु अवतार |
84 | थाम लो यह हाथ |
85 | झिलमिला उठा नगर |
86 | कंचन थाल सजाके |
87 | केसरिया केसरिया |
88 | ऋषभ अजीत संभव नाथ जी |
89 | चांदी की मंदरिया |
90 | मनहर तोरी मूर्तियां |
91 | जबसे जुबां पर आया |
Jain Songs 5 | listicle
content
listicle may be used as reference for your requirement
this listicle is for reference only. do check for copyright. do check for accuracy. the listicle may not be accurate/correct, may not reflect latest data, may have typo errors. the validility may have changed over time, may not be useful anymore. the listicle items are not exhaustive.