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Poem On Godh Bharai

Wed May 4, 2016 by Kunal Bansal
po2038
बेसब्री से कर रहे थे जिस पल का इंतजार
वह पर ले आया है खुशियों का उपहार
बस्स कुछ दिन बाद ही गूंजेंगी किलवारी
महका देंगा जब वह घर में फुलवारी
महसूस कर रही है मां उसके एहसास को
मन को गद-गद कर देने वाली प्यार भरी आहट को
इमली कैरी खाने ललचा रहा है मन
लुभा रहा है अच्छे पकवानों से यह मन
बेटा हुआ तो करेगा हमारे वंश को दिपायमान
बेटी हुई तो बढ़ाएगी दो कुलों की शान
बेटा हो या बेटी रहे बस्स स्वस्थ
तन और मन से रह वह मस्त
द्वार हमारे आई हैं खुशियां ही खुशियां
आप सभी को ढेर सारी बधाइयां बधाइयां।।
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category: Theme Poetry
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