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Poem On India

Tue July 26, 2016 by Kunal Bansal
po2121
जहाँ हर चीज है प्यारी, सभी हैं चाहत के पुजारी
प्यारी जिसकी हर सुबह, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है, वो प्यारा ताज महल है
प्यार का एक निशां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ फूलों का बिस्तर है, जहाँ अम्बर की चादर है
सुहाना हर इक मंजर है, वही है मेरा हिन्दुस्तां
वो झरने और हवाएँ, सभी मिल जुल कर गायें
प्यार का गीत जहां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहां कभी होली तो दिवाली है, वो बिंदिया चुनरी पायल
वो साडी मेहंदी काजल, वही है मेरा हिन्दुस्तां
कही पे नदियाँ बलखाएं, कहीं पे पंछी इतरायें
बसंती झूले लहराएं, जहां अन्गिन्त हैं भाषाएं
सुबह जैसे ही चमकी, बजी मंदिर में घंटी
और मस्जिद में अजां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
लो फिर स्वतंत्र दिवस आया, तिरंगा सबने लहराया
लेकर फिरे यहाँ-वहां, वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां
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category: Theme Poetry
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