Poem On Janmashtami in Theme Poetry - Posts - PartyStuff

Poem On Janmashtami

Sun September 15, 2013 by Kunal Bansal
po1076
तेरे प्रेम के सहारे…
मेरी साँस अब चलेगी,
जो तू नहीं तो कान्हा,
ये प्राण भी न होंगे…
हम तो तेरे दीवाने ,
तेरे प्रेम के पुजारी…
तेरे लिए जिए हैं,
तेरे लिए जिएँगे…
मेरी बाँह अब पकड़ लो…
मुझे प्रेम से जकड़ लो,
ये प्रेम की डगर पे
जो चल पड़े कदम हैं….
तेरी शपथ है बाँके
ये अब तो न रुकेंगे
classification
category: Theme Poetry
this post
code: po1076
bookmark: