Poem On Summer Season in Theme Poetry - Posts - PartyStuff

Poem On Summer Season

Wed March 6, 2013 by Kunal Bansal
po883
गर्मी आयइ , गर्मी आई ,
ठन्डे मीठे शरबत लायी .

तन से बहता खूब पसीना ,
अच्छा लगता कपड़ा झीना .

मम्मी ने लस्सी बनवाई,
उसमे डाली क्रीम मलाई .

ऊपर देखो सूरज जलता ,
निचे चंदा हाथ है मलता .

तपती धरती , तपता मन ,
अस्त-व्यस्त हो जाते जलता .

घर के भीतर लगता अच्छा ,
बात ये कहता बच्चा-बच्चा .

गर्मी में सिर्फ नहीं बुराई ,
इसमें भी है कुछ अच्छाई .

गर्मी ही है ऐसी भाई ,
आईस क्रीम भी ठंडी लायी . गर्मी आयइ , गर्मी आई ,
ठन्डे मीठे शरबत लायी .

तन से बहता खूब पसीना ,
अच्छा लगता कपड़ा झीना .

मम्मी ने लस्सी बनवाई,
उसमे डाली क्रीम मलाई .

ऊपर देखो सूरज जलता ,
निचे चंदा हाथ है मलता .

तपती धरती , तपता मन ,
अस्त-व्यस्त हो जाते जलता .

घर के भीतर लगता अच्छा ,
बात ये कहता बच्चा-बच्चा .

गर्मी में सिर्फ नहीं बुराई ,
इसमें भी है कुछ अच्छाई .

गर्मी ही है ऐसी भाई ,
आईस क्रीम भी ठंडी लायी .
खाते सब लेकर चटखारे ,
ठंडक लाये , गर्मी मारे .

हर ऋतू की अपनी अच्छाई ,
सर्दी हो या गर्मी भाई .

गर्मी आई , गर्मी आई ,
अपने संग छुट्टियां लायी .


खाते सब लेकर चटखारे ,
ठंडक लाये , गर्मी मारे .

हर ऋतू की अपनी अच्छाई ,
सर्दी हो या गर्मी भाई .

गर्मी आई , गर्मी आई ,
अपने संग छुट्टियां लायी
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category: Theme Poetry
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