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Poem On Teej

Sat October 12, 2013 by Kunal Bansal
po1103
हरियाली तीज…
हल्की-हल्की फुहार है
ये सावन की बहार है
संग यारो के झूले आओ
आज तीज का त्यौहार है ।
झूम उठते है दिल सभी के
इसके गीतो के तराने से
जुड जाते है टूटे सम्पर्क
बस झूलने के बहाने से ।
इस तीज के पावन मौके पर
मिलकर झूला झूले आओ
एक दूजे के सहयोग से
आसमान को छूले आओ ।
गुजियाँ खाओ, घेवर खाओ
जितने चाहो मेवा खाओ
पर छोटे-बडो के लिये हमेशा
दिल मे रखो सेवा भाव ।
एक जुट होकर आओ सारे
एक ही सुर मे गाओ सारे
यही कहते है संस्कार हमारे
मिल जुलकर तीज मनाओ सारे ।।
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category: Theme Poetry
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