Jokes for joke: 1914
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#1914 | Male (आदमी)
रजनीकांत और केजरीवाल की मुलाकात हो जाती है..!
रजनीकांत:
मेरे गाँव में लाइट नहीं थी..!
मैं अगरबत्ती जलाकर उसकी रौशनी में पढ़ता था ।
केजरीवाल:
हमारे गाँव में भी बिजली नहीं थी
और हमारे पास अगरबत्ती के पैसे भी नहीं थे..!
फिर भी मैं पढ़ा ।
रजनीकांत: कैसे..?
केजरीवाल:
मेरा एक दोस्त था प्रकाश.. उसे पास बिठा कर पढता था।
एक दिन प्रकाश भीग गया वो नहीं आया फिर भी मैं पढ़ा ।
रजनीकांत: कैसे..?
केजरीवाल:
गाँव में ज्योति नाम की लड़की भी तो थी ।
उसके पास बैठ कर।
रजनीकांत बेहोश..
आज तक के इतिहास मे पहली बार कोई रजनीकांत पर भारी पड़ा है..!
रजनीकांत:
मेरे गाँव में लाइट नहीं थी..!
मैं अगरबत्ती जलाकर उसकी रौशनी में पढ़ता था ।
केजरीवाल:
हमारे गाँव में भी बिजली नहीं थी
और हमारे पास अगरबत्ती के पैसे भी नहीं थे..!
फिर भी मैं पढ़ा ।
रजनीकांत: कैसे..?
केजरीवाल:
मेरा एक दोस्त था प्रकाश.. उसे पास बिठा कर पढता था।
एक दिन प्रकाश भीग गया वो नहीं आया फिर भी मैं पढ़ा ।
रजनीकांत: कैसे..?
केजरीवाल:
गाँव में ज्योति नाम की लड़की भी तो थी ।
उसके पास बैठ कर।
रजनीकांत बेहोश..
आज तक के इतिहास मे पहली बार कोई रजनीकांत पर भारी पड़ा है..!
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